Tuesday 11 October 2011

अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में 'राष्ट्रीय डाक सप्ताह' का आयोजन

'विश्व डाक दिवस' (9 अक्तूबर) के साथ-साथ पूरे देश में 9-14 अक्तूबर तक चलने वाले राष्ट्रीय डाक सप्ताह का आरंभ हुआ। मुख्यभूमि के साथ-साथ सुदूर अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में भी हर्षोल्लास के साथ इसे मनाया जा रहा है. एक तरफ जहाँ डाक मेलों द्वारा लोगों को डाकघरों की सेवाओं के बारे में बताने के साथ-साथ राजस्व अर्जन पर जोर दिया जा रहा है, वहीँ नई पीढ़ी को डाक घरों से जोड़ने हेतु भी बच्चों के लिए डाक घरों का विजिट, डाक टिकट प्रदर्शनी, पत्र-लेखन, पेंटिंग और प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताएं आयोजित की जा रही हैं. पोर्टब्लेयर में राष्ट्रीय डाक सप्ताह का उद्घाटन निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव द्वारा किया गया। इस अवसर पर श्री यादव ने कहा कि डाकघर ही एक मात्र ऐसा संस्थान है जो देश के सुदूरतम कोनो को जोडता है और इस तरह ऐसे क्षेत्रों में रह रहे लोगो को तमाम सुविधा मिलना सुनिश्चित हो जाती हैं। श्री यादव ने कहा कि इन द्वीपों में सभी प्रमुख डाक सेवाएं उपलब्ध हैं, जो मुख्य भूमि में मिलती हैं।

राष्ट्रीय डाक सप्ताह के तहत अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में 10 अक्टूबर को ‘बचत बैंक दिवस‘ के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर जहाँ बचत मेला लगाया गया, वहीं लोगों को बचत बैंक सेवाओं के बारे मे जानकारी देते हुए बचत खाते खोलने की तरफ प्रवृत्त किया गया। डाक निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा नेटवर्क की दृष्टि से डाकघर बचत बैंक देश का सबसे बड़ा रीटेल बैंक है।
172 मिलियन से अधिक खाताधारकों के ग्राहक आधार और 1,54,000 शाखाओं के नेटवर्क के साथ डाकघर बचत बैंक देश के सभी बैंकों की कुल संख्या के दोगुने के बराबर है। द्वीप समूह के डाकघरों से बचत खाता, आवर्ती जमा, सावधि जमा, मासिक आय स्कीम, लोक भविष्य निधि, किसान विकास पत्र, राष्ट्रीय बचत पत्र और वरिष्ठ नागरिक बचत स्कीम की खुदरा बिक्री की जाती है। ज्ञातव्य है कि ये सभी जमा राशियाँ केन्द्र सरकार द्वारा राज्यों के विकास कार्यों के लिए दी जाती हैं। डाकघर की जमा योजनाओं में आकर्षक ब्याज दरें हैं। द्वीप समूह में वर्तमान में लगभग 1 लाख 8 हजार खाते चल रहे हैं और वित्तीय वर्ष 2010-11 के दौरान लगभग 67 करोड़ रूपये डाकघरों में जमा हुए। वर्तमान परिवेश में डाक विभाग वन स्टाप शाप के तहत बचत, बीमा, गैर बीमा, पेंशन प्लान इत्यादि सेवायें प्रदान कर रहा है। इनमें से कई सेवायें अन्य फर्मों के साथ अनुबंध के तहत आरम्भ की गयी हैं। मनरेगा के तहत कुशल/अर्ध-कुशल/अकुशल मजदूरों के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने में भारत सरकार को सहयोग देते हुए डाकघर मजदूरी का भुगतान करने का माध्यम भी बन चुका है। द्वीप समूह में मनरेगा के 269 खाते संचालित है।

निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि यह एक सुखद संकेत है कि डाक-सेवाएं नवीनतम टेक्नालाजी का अपने पक्ष में भरपूर इस्तेमाल कर रही हैं। डाकघरों की मनीआर्डर सेवा को द्रुतगामी बनाते हुए इसे “ई-मनीआर्डर“ में तब्दील कर दिया गया है। 'इंस्टेंट मनीआर्डर सेवा’ के तहत संपूर्ण भारत में आनलाइन मनी ट्रांसफर के तहत धनादेश भेजने व प्राप्त करने की सुविधा है। विदेशों में रह रहे व्यक्तियों द्वारा द्वीप समूहों में अपने परिजनों को तत्काल धन अन्तरण सुलभ कराने हेतु ’वेस्टर्न यूनियन’ के सहयोग से ’अंतर्राष्ट्रीय धन अन्तरण सेवा’ पोर्टब्लेयर, बम्बूफलाट और हैवलाक डाकघरों में उपलब्ध है। इसी क्रम में 11 अक्टूबर को 'मेल दिवस' मनाया गया जिसमें स्कूली बच्चों ने प्रधान डाकघर का दौरा किया जिसमें स्कूली बच्चों को मेल सार्टिगं, मेल वितरण,बचत बैंक, फिलैटलिक,प्रोजेक्ट एरो एंव टेक्नालॅाजी इत्यादि के बारे बताया गया। डाक निदेशक श्री यादव ने बताया कि 12 अक्टूबर को फिलैटलिक दिवस के रुप में मनाया जाएगा। जिसमें स्कूली बच्चों के लिए पत्र लेखन,प्रश्नोत्तरी एंव पेटिंग प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। डाक विभाग के कर्मचारियों के साथ-साथ स्कूली बच्चों में भी डाक-सप्ताह के प्रति काफी उत्साह देखा जा रहा है.

Wednesday 14 September 2011

निदेशक डाक सेवा, अंडमान-निकोबार कार्यालय में हिंदी-दिवस का आयोजन

अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में निदेशक डाक सेवा कार्यालय में हिन्दी-दिवस का आयोजन किया गया। चर्चित साहित्यकार और निदेशक डाक सेवाएँ श्री कृष्ण कुमार यादव ने माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण और पारंपरिक द्वीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। कार्यक्रम के आरंभ में अपने स्वागत भाषण में सहायक डाक अधीक्षक श्री ए. के़. प्रशान्त ने इस बात पर प्रसन्नता जाहिर किया कि निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव स्वयं हिन्दी के सम्मानित लेखक और साहित्यकार हैं, ऐसे में द्वीप-समूह में राजभाषा हिन्दी के प्रति लोगों को प्रवृत्त करने में उनका पूरा मार्गदर्शन मिल रहा है। हिन्दी की कार्य-योजना पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने बताया कि संविधान सभा द्वारा 14 सितंबर, 1949 को सर्वसम्मति से हिंदी को संघ की राजभाषा घोषित किया गया था, तब से हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। इस अवसर पर जोर दिया गया कि राजभाषा हिंदी अपनी मातृभाषा है, इसलिए इसका सम्मान करना चाहिए और बहुतायत में प्रयोग करना चाहिए। इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए निदेशक डाक सेवाएँ और चर्चित साहित्यकार साहित्यकार व ब्लागर श्री कृष्ण कुमार यादव ने हिन्दी को जन-जन की भाषा बनाने पर जोर दिया। अंडमान-निकोबार में हिन्दी के बढ़ते कदमों को भी उन्होंने रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि हमें हिन्दी से जुड़े आयोजनों को उनकी मूल भावना के साथ स्वीकार करना चाहिए। स्वयं डाक-विभाग में साहित्य सृजन की एक दीर्घ परम्परा रही है और यही कारण है कि तमाम मशहूर साहित्यकार इस विशाल विभाग की गोद में अपनी काया का विस्तार पाने में सफल रहे हें। इनमें प्रसिद्ध साहित्यकार व ‘नील दर्पण‘ पुस्तक के लेखक दीनबन्धु मित्र, ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित लोकप्रिय तमिल उपन्यासकार पी0वी0अखिलंदम, राजनगर उपन्यास के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित अमियभूषण मजूमदार, फिल्म निर्माता व लेखक पद्मश्री राजेन्द्र सिंह बेदी, ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता मशहूर लेखिका महाश्वेता देवी, सुविख्यात उर्दू समीक्षक शम्सुररहमान फारूकी, शायर कृष्ण बिहारी नूर जैसे तमाम मूर्धन्य नाम शामिल रहे हैं। उपन्यास सम्राट प्रेमचन्द जी के पिता अजायबलाल भी डाक विभाग में ही क्लर्क रहे।

निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव ने अपने उद्बोधन में बदलते परिवेश में हिन्दी की भूमिका पर भी प्रकाश डाला और कहा कि- भूमण्डलीकरण के दौर में दुनिया के सबसे बडे लोकतंत्र, सर्वाधिक जनसंख्या वाले राष्ट्र और सबसे बडे़ उपभोक्ता बाजार की भाषा हिन्दी को नजर अंदाज करना अब सम्भव नहीं रहा। आज की हिन्दी ने बदलती परिस्थितियों में अपने को काफी परिवर्तित किया है। विज्ञान-प्रौद्योगिकी से लेकर तमाम विषयों पर हिन्दी की किताबें अब उपलब्ध हैं, पत्र-पत्रिकाओं का प्रचलन बढ़ा है, इण्टरनेट पर हिन्दी की बेबसाइटों और ब्लॉग में बढ़ोत्तरी हो रही है, सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की कई कम्पनियों ने हिन्दी भाषा में परियोजनाएं आरम्भ की हैं। निश्चिततः इससे हिन्दी भाषा को एक नवीन प्रतिष्ठा मिली है। मनोरंजन और समाचार उद्योग पर हिन्दी की मजबूत पकड़ ने इस भाषा में सम्प्रेषणीयता की नई शक्ति पैदा की है पर वक्त के साथ हिन्दी को वैश्विक भाषा के रूप में विकसित करने हेतु हमें भाषाई शुद्धता और कठोर व्याकरणिक अनुशासन का मोह छोड़ते हुए उसका नया विशिष्ट स्वरूप विकसित करना होगा अन्यथा यह भी संस्कृत की तरह विशिष्ट वर्ग तक ही सिमट जाएगी। श्री यादव ने जोर देकर कहा कि साहित्य का सम्बन्ध सदैव संस्कृति से रहा है और हिन्दी भारतीय संस्कृति की अस्मिता की पहचान है। निज भाषा उन्नति अहै, सब भाषन को मूल......आज वाकई इस बात को अपनाने की जरूरत है।इस अवसर पर निदेशक डाक सेवा कार्यालय के कार्यालय सहायक श्री किशोर वर्मा ने कहा कि आज हिन्दी भारत ही नहीं बल्कि विश्व भर में अपनी पताका फहरा रही है और इस क्षेत्र में सभी से रचनात्मक कदमों की आशा की जाती है। इस अवसर पर डाकघर के कर्मचारियों में हिंदी के प्रति सुरुचि जाग्रति करने के लिए दिनांक 14.9.11 से 28.9.11 तक विभिन्न प्रतियोगिताएं की जा रही हैं जैसे, श्रुतलेख, भाषण, हिन्दी टंकण, पत्र लेखन,हिन्दी निबंध, परिचर्चा। इस कार्यक्रम में डाक विभाग के तमाम कर्मचारी भाग ले रहें है।

Thursday 9 June 2011

felicitation Programme of Andaman-Nicobar Postal Dn.



अंडमान निकोबार द्वीप समूह में डाक विभाग द्वारा 09 जून 2011 को पोर्टब्लेयर के मेगापोस्ट नेस्ट रिसोर्ट में वित्तीय वर्ष 2010-11 में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए डाक-कर्मियों और अधिक राजस्व देने हेतु महत्वपूर्ण संस्थानों के प्रमुखों को सम्मानित किया गया. इस समारोह के मुख्य अतिथि अंडमान-निकोबार के प्रधान वन सचिव श्री एस.एस. चौधरी तथा अध्यक्षता अंडमान निकोबार द्वीप समूह के डाक निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव द्वारा किया गया। विशिष्ट अतिथि के रूप में इंदिरा गांधी मुक्त विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय निदेशक, डाॅ. एस. श्रीनिवास उपस्थित थे। इस अवसर पर 25 डाक कर्मचारियों को उत्कृष्टता सम्मान तथा चार संस्थानों को स्मृति चिन्हों से नवाजा गया।

डाक-कर्मियों को सम्मानित करते हुए मुख्य अतिथि प्रधान वन सचिव श्री एस.एस. चौधरी ने दूरदराज के द्वीपों तक विस्तृत डाक-सेवाओं की सराहना करते हुए डाक कर्मियों के समर्पित कार्यो की सराहना की और द्वीपों के लोगों की सेवा के प्रति प्रतिबद्धता के साथ निरंतर कार्य करते रहने के लिए उन्हें प्रोत्साहित किया । इस अवसर पर प्रतिष्ठित संस्थनों तथा व्यापारोन्मुख ग्राहकों को भी सम्मानित किया गया, जिनमें भारतीय स्टेट बैक, पोर्टब्लेयर के उप प्रबंधक तनमोय मंडल, वेतन एंव लेखा कार्यालय के निदेशक राजेश पूरी एवं एक्सिस बैक के प्रबंधक प्रकाश कुमार तथा डिगनाबाद निवासी रुबिन फर्नाडो शामिल थे ।


समारोह की अध्यक्षता करते हुए डाक सेवा निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव ने रोजमर्रा के जीवन में लोगों और व्यापार में डाक क्षेत्र की भूमिका तथा सामाजिक एंव अर्थिक विकास में इसके योगदान का उल्लेख किया। श्री यादव ने द्वीप-समूहों में संचालित तमाम डाक सेवाओं के बारे में भी बताया और बदलते दौर में डाक सेवाओं की बदलती भूमिका को रेखांकित किया.

विशिष्ट अतिथि के रूप में पधारे इग्नू के क्षेत्रीय निदेशक डाॅ एस श्रीनिवास ने अपने संबोधन में द्वीपों के अलग-अलग क्षेत्रों में स्थित डाक घरों द्वारा प्रदान की जा रही सेवाओं की गुणवता की चर्चां की और विभिन्न क्षेत्रों में अनुकरणीय सेवाओं के लिए पुरस्कार प्राप्त करने वाले डाक विभाग के सदस्यों को बधाई दी ।

इस अवसर पर डाक जीवन बीमा के क्षेत्र में मलाकोंडैया, स्टीफन फर्नाडीज, एम आर सरकार तो ग्रामीण डाक जीवन बीमा में उत्कृष्ट प्रदर्शन हेतु दुलाल बिश्वास, श्रीमती इन्दिरा देवी, प्रदीप पाॅल को सम्मानित किया गया. स्पीड पोस्ट में अधिकतम कारोबार के लिए कमल बिश्वास, श्रीमती गोरेती लकडा, श्रीमती लता को सम्मानित किया गया। सर्वाधिक बचत बैक खाते खोलने में योगदान देने के लिए एस. वेंकटस्वामी, सी एच यारन्ना तथा वी सी जाॅनी को पुरस्कृत किया गया। डाकघरों में टेक्नालाजी के सम्यक क्रियान्वयन के लिए वी वी एस सत्यानारायण, किशोर वर्मा तथा मिहिर कुमार पाॅल सम्मानित हुए. इसी प्रकार विभिन्न कैडरों के तहत भी पुरस्कार प्रदान किया गया। सुपरवाइजर वर्ग में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए पी नीलाचलम तथा श्रीमती एस जयरानी, डाक सहायक संवर्ग में के. एस. एन. मूर्ति, शंकर हालदार, श्रीमती शांता देब, डाकिया कैडर में ए. के. मंडल, एन करुणाकरण तथा ग्रुप-दी संवर्ग में श्रीमती रत्ना कुमारी, ग्रामीण डाक सेवक संवर्ग में साहुल हमीद तथा आर. एम. दास को पुरस्कृत किया गया. सर्वश्रेष्ठ बचत बैंक एजेंट के लिए डाक एजेंट श्रीमती कृष्णा जाना को भी सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर डाक परिवार के सदस्यों के अलावा तमाम गणमान्य नागरिक, मीडिया-प्रतिनिधि भी उपस्थित थे. सहायक डाक अधीक्षक ड़ी. मुर्मू ने उपस्थित जनों का का स्वागत किया, जबकि सहायक पोस्टमास्टर एम. गणपति ने आभार-ज्ञापन दिया !!***********************************************************************************
The Department of Posts felicitated Postal Employees as well as Important Business Customers at a function organized at Megapode Nest , Port Blair on 9.6.2011. Mr. S.S Choudhury, Pr. Chief Conservator of Forests , A&N Islands was the Chief Guest on this auspicious occasion. Mr. Krishna Kumar Yadav, Director Postal Services, A&N Islands has presided over the function and Dr. S.Srinivas, Regional Director , IGNOU was the Guest of Honour.

Addressing the gathering on the occasion, Mr. S.S Choudhury , Pr. Chief Conservator of Forests , A&N Islands appreciated the dedication of the postal staff working in remote islands and encouraged them to work with even greater commitment towards serving the people of this Islands.

Mr. Krishna Kumar Yadav, Director Postal Services in his address described the role of the postal sector in peoples and businesses every day lives and its contribution to the social and economic development . He further said that emphasis will be given for creating more awareness among general public about the benefits of postal services. He urged the employees to be prepared to meet the challenges ahead due to the technology changes taking place every now and them. He also focused on some of the important achievements of the Department.

Dr. S. Srinivas, Regional Director, IGNOU also spoke about quality of services provided by the Post offices to the remotest corner of this Islands. and congratulated all for achieving the awards for showing exemplary services in various fields .

The Chief Guest, Mr. S.S Choudhury gave away prizes with the appreciation certificate to the Postal Employees & Postal Agents who achieved the maximum business during the year 2010-11 .On this occasion, the reputed Institutions / business oriented customers which had provided more business were also honored. Shri. Shantanu Gupta, Chief Manager SBI, Port Blair, Shri. Rajesh Puri , Director , Pay & Account Office, Shri. Prakash Kumar , Manager ,Axis Bank , Shri. Rubin Fernando R/o Dignabad were amongst them.

S/Shri. Malakondaiah, Stephen Fernandez, M.R Sarkar were awarded Ist, 2nd & 3rd prizes for procurement of Postal Life Insurance Business whereas Shri. Dulal Biswas, Smt. Indira Devi, Shri. Pradip Paul were awarded Ist, 2nd & 3rd prizes for procurement of Rural postal life insurance business on this occasion. For giving maximum business in Speed Post., Shri. Kamal Biswas, Smt. Goreti Lakra , Smt. Eswari Latha were felicitated whereas S/Shri. S. Venkataswamy, C.H Yarrana, V.C Johney were awarded for their contribution in opening of Saving Bank accounts. In technology field, Shri VVS Satyanarayana, Shri Kishore Verma and Shri Mihir Kr. Paul were also felicitated ,

Similarly, prizes were also given in various Cadres such as for best performances in Supervisory Category, Shri. P. Neelachalam & Smt. S Jayarani were selected. For PA Cadre , Shri K. S.N Murthy, Shri. Shankar Halder, Smt. Shanta Deb have got prizes whereas for Postman and Gr.D Cadre , Shri. A.K Mandal ,Shri. N. Karunakaran & Smt. Ratna Kumari were awarded . In GDS Category, S/Shri. Shahul Hameed & R.M Das were selected.. Smt. Krishna Jana , Postal Agent was also awarded for best Saving Bank agent.

Earlier Shri. D. Murmu, Asstt. Supdt ,Port Blair HO welcomed the gathering while the programme concluded with the vote of thanks by Shri.M.Ganapathy, Asstt. Postmaster ,Port Blair HO.


Sunday 1 May 2011

जंगलों के संरक्षण पर बच्चों ने लिखीं चिठ्ठयां : UPU पत्र लेखन प्रतियोगिता

पोर्ट ब्लेयर। अंडमान निकोबार द्वीप समूह के डाक विभाग ने स्कूली बच्चों के लिए पोर्ट ब्लेयर में यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन पत्र लेखन प्रतियोगिता आयोजित की जिसमें बच्चों ने एक दूसरे को इस विषय पर पत्र लिखे कि जंगलों का संरक्षण क्यों जरूरी है। बच्चों की विषय में गहरी दिलचस्पी दिखाई दी। प्रतियोगिता के बाद की उत्साहजनक आपसी बातचीत में बच्चों ने संबंधित विषय पर अपने लेखन की चर्चा की और कहा कि उन्होंने विभिन्न शैलियों में जंगलों को मानव जीवन और पर्यावरण के लिए वरदान और वन्य प्राणियों के लिए उनका घर एवं जीवन जीने का एकमात्र स्रोत लिखा है। प्रतियोगिता में जहां बच्चों की लेखनशैली प्रतिभा सामने आई वहीं उनकी जंगलों वृक्षों और उनके सहारे वन्यजीवन के फलने फूलने की उनकी मार्मिक भावनाओं का अच्छे शब्दों में प्रकटीकरण हुआ।

पोर्ट ब्लेयर के राजकीय मॉडल वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में 40वीं यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन पत्र लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। प्रतियोगिता का शुभारंभ अंडमान निकोबार द्वीप समूह के डाक निदेशक कृष्ण कुमार यादव ने किया। बच्चों को पत्र लेखन का महत्व समझाकर खूब लिखने की प्रेरणा देते हुए उन्होंने कहा कि पत्र खुशनुमा अहसास के साथ संवेदनाओं को जीवंत रखते हैं। बच्चों को पत्र लेखन का विषय दिया गया था कि 'वे अपने को जंगल का एक पेड़ मानते हुए अपने मित्र को पत्र लिखें कि जंगलों का संरक्षण क्यों जरूरी है।'

श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि डाक विभाग की पत्र लेखन की यह अनूठी पहल किशोरों को डाक सेवाओं के स्वर्णिम आयामों से परिचय कराती है। उनका कहना था कि अभी भी पत्र लेखन का काफी महत्व है और इसमें भावनाओं का जिस प्रकार प्रकटीकरण होता है वह संचार के अन्य साधनों में नहीं है। पत्र लेखन सिर्फ एक विधा ही नहीं है बल्कि इसमें रिश्तों की मिठास हो़ती है और पत्रों की भाषा में एक खुशनुमा अहसास होता है जिससे संवेदनाएं जीवंत रहती हैं। यादव ने कहा कि पत्र लेखन सोचने की क्षमता और शब्द ज्ञान में भी वृद्धि करते हैं, ऐसे में युवा पीढ़ी और विद्यार्थियों को इसके लिए इन्हें प्रेरित करना और इनके महत्व पर ध्यान आकृष्ट करना और भी जरूरी है।

यह प्रतियोगिता अखिल भारतीय स्तर पर आयोजित की गई थी। डाक निदेशक ने बताया कि पत्र-लेखन प्रतियोगिता में शामिल सभी कापियां पहले सर्किल स्तर पर पोर्टब्लेयर के लिए कोलकात्ता में जांची जाएंगीं फिर उनमें से सर्वोत्तम का चयन कर राष्ट्रीय स्तर के लिए डाक निदेशालय दिल्ली भेजी जाएंगीं। राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम, दितीय और तृतीय स्तर के लिए क्रमशः 2000, 1500 और 1000 रूपये का नकद पुरस्कार और प्रमाण पत्र दिया जायेगा। प्रत्येक डाक परिमंडल के लिए हर सर्वोत्तम पत्र को 250 रूपये का प्रोत्साहन नकद पुरस्कार और प्रमाण पत्र भी दिया जायेगा। राष्ट्रीय स्तर पर चयनित सर्वोत्कृष्ट तीन पत्रों को यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन स्तर पर अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारों हेतु भेजा जायेगा जहां अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्तर के लिए क्रमशः स्वर्ण, रजत और ताम्र मेडल एवं साथ में यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन का अधिकारिक डाक टिकटों का एल्बम सम्मान स्वरूप दिया जायेगा।

इस अवसर पर डाक टिकटों का एक काउंटर भी लगाया गया था जहां बच्चों ने रंग-बिरंगे डाक टिकटों का लुत्फ उठाया। बच्चों में डाक टिकटों के प्रति काफी क्रेज दिखा। उन्हें डाक विभाग की फिलेटलिक डिपाजिट खाता स्कीम के बारे में भी बताया गया जिसके अंतर्गत कोई न्यूनतम 200 रूपये में खाता खोलकर हर महीने घर बैठे नई डाक टिकटें और अन्य मदें प्राप्त कर सकता है। फिलेटलिक डिपाजिट खाता खोलने में तमाम बच्चों और उनके अभिवावकों ने रूचि दिखाई और लगभग 50 फिलेटलिक डिपाजिट खाते इस अवसर पर खोले गए। प्रतियोगिता में कुल 28 बच्चों ने भाग लिया। अधिकतर प्रतिभागी कार्मेल वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय पोर्टब्लेयर, राजकीय मॉडल वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, विवेकानंद विद्यालय पोर्टब्लेयर और संत मेरी विद्यालय पोर्टब्लेयर के विद्यार्थी थे।


साभार : स्वतंत्र आवाज़


यहाँ भी देखें- पत्र जीवंत रखते हैं खुशनुमा अहसास और संवेदनाएँ - के.के. यादव (हिंदी मीडिया.इन)


पोर्टब्लेयर में स्कूली बच्चों के लिए 40वीं यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन पत्र लेखन प्रतियोगिता संपन्न (स्वर्ग विभा)


शब्दकारिता

Wednesday 27 April 2011

Andaman-Nicobar Postal Dn. completed 40 years

Like any other Department in the country, Postal Department has two parts of history, that is pre-independence and post independence and accordingly the history of the development of postal activities here in Andaman and Nicobar Islands has also two parts.

During the British time there was only one post office for the entire group of Islands, and that Post Office was located along with some other departments in the Ross Island where the then rulers had their Headquarter, and remained there till the end of the Second World War. At the end of the War, the office of the Commissioner was shifted to the location where the Secretariat is situated now and along with it moved the Post Office also.

This Post Office was only a small Sub Post Office and it was under the Head Post Office of Pegu Division located on the north of Rangoon, one of the towns of the then Burma (now called Mayanmmar), and all the accounting and other activities including the staff were under the control of the Head Post office, Pegu. Naturally, the mails were also coming from Burma by ship via Rangoon. During those days ships used to come to Port Blair from Calcutta (now Kolkata) and Madras (now Chennai) also. And so the Sub Post Office of Port Blair also received mails from these three stations. Initially the frequency of ships was once in a month from Calcutta and Madras, and from Rangoon twice in a month. Besides the normal official mails other private mails were also received but the volume of private mails was very few because the population of the area was very small at that time.

When India achieved Independence from the British rule in 1947, Andaman and Nicobar Islands remained with India and so the Port Blair Post Office was severed from its connection with Pegu Division (Burma), and was placed under Barrackpore Head Post Office, West Bengal, with the mails now coming only from Calcutta and Madras. In the meantime two more Post Offices were opened one at Chatham and another at Long Island. Thus when the British finally left India in the year 1947 there were three Post Offices in these group of Islands.

Soon after Independence the Postal Administration of these Islands passed under the control of the Presidency Division, West Bengal with Head quarter at Barrackpore. Subsequently, the Presidency Division was bifurcated and administrative control was vested with South Presidency Division with Head quarter at Calcutta. With a view to cope up with the increasing demand from the administration as well as the settlers who had since resided in these Islands the first Postal Sub Dn. was created in May 1961. Even at present There is only one Postal Sub Division headed by Sub Divisional Inspector who is looking after the whole Andaman & Nicobar Islands. Steady growth in the Islands and increasing demands of Postal Services led to the creation of a full fledged Postal Division on 27th April 1971 bringing it at par with Postal facilities available in mainland.

Andaman & Nicobar Islands Postal Division was created on 27th April 1971 under the administrative control of Superintendent of Post Office in PSS Group ‘B’ Cadre. This Division has been placed under the administrative control of the Director Postal Services, Group ‘A’ Cadre (JAG) vide Postal Dte. memo. No. 31-1/87-PE.II dated. 5th May 1988. Accordingly, first Director Ms. Kalpana Tiwari took over the charge w.e.f 19th Sept.1988. At present Mr. Krishna Kumar Yadav (Indian Postal Service-2001 Batch) is working as 7 th Director of Postal Services in Andaman-Nicobar Islands Dn. since 22 th January, 2010.





It’s a matter of pride that today Andaman-Nicobar Postal Dn. completed 40 years..Congts.!!

(In Picture : Counter Portion of Portblair HPO & Mr. KK Yadav, Director Postal Services, A & N Islands, Portblair)

Friday 7 January 2011

अंडमान-निकोबार में पर्यटन को बढ़ावा देते पोस्टकार्ड


(सेलुलर जेल)


(बैरन द्वीप और बैरन ज्वालामुखी)


(राॅस और स्मिथ द्वीप)
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भारतीय डाक विभाग ने अंडमान में पर्यटन को बढ़ावा देने वाले मेघदूत पोस्टकार्ड जारी किए हैं. गौरतलब है कि जहाँ सामान्य पोस्टकार्ड 50 पैसे में उपलब्ध होते हैं वहीँ मेघदूत पोस्टकार्ड मात्र 25 पैसे में उपलब्ध होते हैं। मेघदूत पोस्टकार्ड के पते वाले साइड में कुछ लिखा नहीं जा सकता वहाँ पर विभिन्न प्रकार के विज्ञापन या प्रचार सामग्री मुद्रित की जाती है। उक्त मेघदूत पोस्टकार्ड बिक्री हेतु भारत के विभिन्न हिस्सों में उपलब्ध है।


इस विज्ञापन में कभी काला पानी के लिए मशहूर पर अब ऐतिहासिक राष्ट्रीय स्मारक सेलुलर जेल, बैरन द्वीप और यहाँ स्थित भारत के एकमात्र सक्रिय बैरन ज्वालामुखी एवं राॅस और स्मिथ द्वीपों इत्यादि के चित्रों को प्रदशित किया गया है. राॅस और स्मिथ द्वीपों की यह विशेषता है कि ज्वार आने पर यह दोनों द्वीप आपस में मिल जाते हैं और भाटा के समय अलग हो जाते हैं. इसी कारण इन्हें सिस्टर-आइलैंड भी कहा जाता है. गौरतलब है कि इन मेघदूत पोस्टकार्डों को सूचना-प्रसार एवं पर्यटन निदेशालय, अंडमान व निकोबार प्रशासन द्वारा विज्ञापित किया गया है।


उक्त मेघदूत पोस्टकार्डों की डाकघरों में काफी माँग है और वर्तमान में टूरिस्ट सीजन होने के चलते तमाम विदेशी और भारतीय पर्यटक इन पर पत्र लिखकर अपने परिजनों को भेज रहे हैं. यहाँ से भेजे जाने के कारण इन पर अंडमान के डाकघरों की मुहर भी लगी होती है, इस कारण इनकी फिलेटलिक वैल्यू भी बढ़ जाती है. देश-विदेश से लोग अंडमान में पर्यटन के बहाने आते हैं और एक बार उस सेलुलर जेल के दर्शन जरुर करते हैं जहाँ देशभक्तों ने इतनी यातनाएं सहीं. डाक विभाग भी इसके प्रति सचेत है और यहाँ के पोर्टब्लेयर प्रधान डाक घर से बाहर जाने वाले पत्रों पर जो मुहर लगाई जाती है, उस पर सेलुलर जेल का चित्र अंकित है. ऐसे में इन पत्रों को लोग यादगार के रूप में सहेज कर रखते हैं.

यहाँ भी पढ़ें-स्वतंत्र आवाज़. काम , स्वर्गविभा, युगमानस